वृत्तांत लेखन : किसी भी सभा, बैठक, कार्यक्रम आदि को लिखित रूप में प्रस्तुत करना ही वृत्तांत लेखन है।
- वृत्तांत संक्षिप्त होना चाहिए और क्रमबद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- वृत्तांत लेखन में उत्तम पुरुष वाचक सर्वनाम (मैं, हम) का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- वृत्तांत में घटना, समय, स्थान आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
- यह सत्य घटना पर आधारित लेखन होता है।
1. हिंदी दिवस का वृत्तांत लिखिए।
एक शानदार हिंदी दिवम
15 सितंबर मुंबई : स्वामी विवेकानंद ज्युनियर कॉलेज आफॅ आर्ट्स एंड कॉमर्स के सभागार में दोपहर तीन बजे प्रधानाचार्य महोदय की अध्यक्षता में एक शानदार कार्यक्रम संपन्न हुआ। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. किशोर सिंह ने राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी तथा बारहवीं कक्षा की छात्रा शिवानी और रुही में हिंदी की आज की स्थिति पर अपने विचार रखे। ग्यारहवी कक्षा के छात्रों ने राष्ट्रभक्ति पर गीत प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर दोहों की प्रतियोगिता रखी गई जिसकी वजह से कार्यक्रम में जान आ गई थी। रमा राणे इस प्रतियोगिता में विजयी हुई जिसे पाँच सौ रुपए का पुरस्कार और सर्टीफिकेट प्रदान किया गया।
प्रधानाचार्य ने इस कार्यक्रम में घोषणा की, कि इस वर्ष हिंदी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले ग्यारहवीं तथा बारहवीं के छात्र को एक हजार रूपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। सभी उपस्थित लोगों को अध्यक्ष महोदय ने धन्यवाद दिया और सभा विसर्जित हुई।
(कार्यालय प्रतिनिधि द्वारा)
2. महाविद्यालय में आयोजित वृक्षारोपण समारोह का वृत्तांत लिखीए।
अध्यापक और छात्रों द्वारा वृक्षारोपण
17 जुलाई, दिल्ली: आज 16 जुलाई को विकास महाविद्यालय हरिनगर, दिल्ली के महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण समारोह अत्यंत हर्षोल्लास एवं उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्हें पुष्पगुच्छ एवं एक पौधा देकर स्वागत किया गया।
इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने एक स्वर में, ‘नंगी धरती करे पुकार, वृक्ष लगाकर करो शृंगार’ गीत का समूहगान प्रस्तुत किया। अतिथि महोदय ने अपने भाषण में वृक्षों के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वयं एक पौधा लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
फिर प्रधानाचार्य, उपप्रधानाचार्य तथा अध्यापकों ने वृक्षारोपण किया। छात्रों ने भी वृक्षारोपण करते हुए उनके देखभाल की जिम्मेदारी ली। पौधों के चारों ओर जाली लगाकर इनकी सिंचाई का प्रबंध किया गया ताकि पौधे फलें- फूलें और वृक्ष बन सकें। अंत में छात्रों में मिठाई वितरण करते हुए इस समारोह का समापन किया गया।
(कार्यालय प्रतिनिधि द्वारा)
3. समता विद्यालय में पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न
(कार्यालय प्रतिनिधि द्वारा)
पुणे, 12 फरवरी: कल 11 फरवरी, को समता विद्यालय में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह संपन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता मशहूर अभिनेता शेखर सेन ने की थी।
ईश – स्तवन और गणेश वंदना से कार्यक्रम आरंभ हुआ। पाँचवी कक्षा के छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। तत्पश्चात विद्यालय के निरीक्षक श्री. अशोक कर्वे ने अध्यक्ष महोदय का परिचय और विद्यालय की विभिन्न गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया।
अध्यक्ष महोदय के करकमलों से आदर्श विद्यार्थी, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, अभिनेता, नर्तक, गायक आदि पुरस्कार दिए गए। शालांत परीक्षा में विशेष योग्यता दिखलाने वाले मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। अध्यक्ष महोदय ने अपने मार्गदर्शन पर भाषण में विद्यार्थियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। तत्पश्चात विद्यालय की ज्येष्ठ शिक्षिका श्रीमती चौधरी जी ने धन्यवाद यापन किया और राष्ट्रगीत के साथ समारोह का समापन हुआ।
नासिक, 7 फरवरी : विवेक महाविद्यालय के प्रांगण में बारहवीं कक्षा के छात्रों का बिदाई समारोह 6 फरवरी को संपन्न हुआ। अपने महाविद्यालय से विदा लेते समय विद्यार्थियों की आँखें छलक आईं। समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने की।
ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों ने बिदाई समारोह के आयोजन में अहं भूमिका निभाई। ठीक तीन बजे छात्र और शिक्षक प्रांगण में उपस्थित हुए थे। महाविद्यालय को रंगीन कागजों से सजाया गया था। एक छोटा सा वृक्ष का चित्र दीवार पर बना था और छात्र उस पर अपनी भावनाओं सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बारहवीं कक्षा के छात्रों ने अपने महाविद्यालय की यादें बताते हुए अपने शिक्षिकों का आभार प्रकट किया।
प्रधानाचार्य और वर्गशिक्षकों तथा ज्येष्ठ शिक्षकों ने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन पर दो शब्द कहे। ग्यारहवीं कक्षा के छात्रों ने नृत्य एवं नाटिका प्रस्तुत कर सबका मनोरंजन किया। प्रधानाचार्य के करकमलों द्वारा आदर्श छात्र एवं छात्रा को पुरस्कृत किया गया। उसके बाद अल्पाहार दिया गया। छात्र अपने प्रिय शिक्षकों के साथ तस्वीरें लेते हुए देखे गए। बड़ा ही भावपूर्ण प्रसंग था यह, जो शाम सात बजे खत्म हुआ।