भाषा को स्पष्ट और प्रभावशाली बनाने के लिए मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। मुहावरा ऐसा वाक्यांश होता है जो सामान्य अर्थ से भिन्न किसी विशेष अर्थ का बोध कराता है। उसके अंत में प्राय: किसी क्रिया का सामान्य रूप लगा होता है। इनके प्रयोग से भाषा में सरसता, सुंदरता और स्वाभाविकता आती है।
मुहावरों की विशेषताएँ :
- मुहावरे लोक जीवन की धरोहर हैं।
- इनके अंत में प्राय: ‘ना’ होता है।
- मुहावरे पूर्ण वाक्य नहीं होते।
- मुहावरों के अर्थ प्रकट करने के लिए क्रियापद का विशेष महत्त्व होता है।
- मुहावरे भाषा में कलात्मक अभिव्यक्ति की एक शैली है।
- अन्य भाषा में मुहावरों का शाब्दिक अनुवाद नहीं हो सकता।
- वाक्य में प्रयुक्त होने पर मुहावरों के शब्दों में रूपांतर हो जाता है। क्रिया लिंग, वचन, कारक आदि के अनुसार बदल जाती है। मुहावरे वाक्य में सरसता, विलक्षणता, तीखापन और प्रवाह उत्पन्न करते हैं। इससे हमारी अभिव्यक्ति में निखार आता है।
मुहावरों के प्रयोग में सावधानी :
- मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करते समय इनके लाक्षणिक अर्थ की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए अन्यथा अर्थ के अनर्थ होने की संभावना रहती है।
- मुहावरे ज्यों के त्यों वाक्य में प्रयुक्त नहीं होते इसलिए प्रयोग के अनुसार उसके लिंग, वचन, कारक के अनुसार क्रिया में परिवर्तन करना चाहिए।
पाठ में प्रयुक्त मुहावरे तथा उनके वाक्य प्रयोग :
अंकुर जमाना : प्रारंभ करना
वाक्य : भाई के मन में कपट का अंकुर ऐसा जम गया था कि अब वह वृक्ष बन गया था।
अपने पैरों पर खड़ा होना : आत्मनिर्भर होना।
वाक्य : पढ़-लिखकर सीया अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।
आँच न आने देना : संकट न आने देना।
वाक्य : गरीबी में भी माता-पिता ने अपने बच्चों पर आँच न आने दी।
आँखों में सैलाब उमड़ना : फूट-फूटकर रोना।
वाक्य : पति की मृत्यु पर पत्नी की आँखों में सैलाब उमड़ आया था।
आँखें फटी रहना : आश्चर्यचकित रह जाना।
वाक्य : बालक कृष्ण के मुख में ब्रह्मांड को देखकर यशोदा मैया की आँखें फटी रह गईं।
आईने में मुँह देखना : अपनी योग्यता जाँचना।
वाक्य : आईने में मुँह देखकर काम करना चाहिए ताकि सफलता का फल प्राप्त हो।
आसमान के तारे तोड़ना : असंभव कार्य करना।
वाक्य : यह प्रतियोगिता जीतकर भार्गव ने आसमान के तारे तोड लाए हैं।
ईंट का जवाब पत्थर से देना : कड़ा जवाब देना।
वाक्य : हमारी टीम ने खेल जीतने के लिए ईंट का जवाब पत्थर से दिया।
उधेड़ वुन में लगना : सोच-विचार करना।
वाक्य : पैसों की उधेड-बून में लगे लोग जीवन का मजा नहीं उठा पाते।
एक आँख से देखना : सामान्य रूप से देखना, पक्षपात न करना।
वाक्य : माँ अपने सभी बच्चों को एक आँख से देखती है।
एक और एक ग्यारह होना : एकता में बल होना।
वाक्य : जब दोनों भाई एक और एक ग्यारह हो गए तो उनका बुरा चाहने वाले उनका कुछ नहीं बिगाड़ सके।
कदम बढ़ाना : प्रगति करना।
वाक्य : समस्या को पीछे छोड़कर कदम बढाना जीवन का सही मार्ग है।
कमर कसना : पूरी तरह तैयार होना।
वाक्य : बरसाती समस्याओं से निपटने के लिए हमने बरसात आने से पहले ही कमर कस ली है।
कमर सीधी करना : आराम करना, सुस्ताना।
वाक्य : इतना पसीना बहाने के बाद कमर सीधी करने का मौका मिला तो नई समस्या खड़ी हो गई।
कलई खुलना : भेद प्रकट होना, राज या रहस्य खुलना।
वाक्य : कोई कितना भी धूर्त क्यों न हो एक न एक दिन उसकी कलई खुल जाती है।
कान देना : ध्यान से सुनना।
वाक्य : अध्यापक की बात पर विद्यार्थी कान देंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।
किस्मत खुलना : भाग्य चमकना।
वावय : आज तो मेरी किस्मत खुल गई जो आपके दर्शन हुए।
गले का हार होना : अत्यंत प्रिय होना।
वाक्य : छोटा शेख घर में सभी के गले का हार था।
गागर में सागर भरना : थोड़े में बहुत कहना।
वाक्य : बिहारी जी ने अपने दोहों में गागर में सागर भर दिया है इस बात को सभी हिंदी प्रेमियों ने स्वीकारा है।
घी के दीये जलाना : खुशी मनाना।
वाक्य : जब श्रीराम जी 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो अयोध्या वासियों ने घी के दीये जलाए।
चिकना घड़ा होना : निर्लज्ज होना, किसी बात का असर न होना।
वाक्य : रमेश को समझाना बेकार है क्योंकि वह तो चिकना घड़ा है।
चुटकी लेना : व्यंग्य करना।
वाक्य : चुटकी लेने की आदत कभी-कभी भारी पड़ जाती है।
जबान देना : वचन देना।
वाक्य : रमेश ने अगर जबान दी है तो वह जरूर निभाएगा।
झंडे गाड़ना : पूर्ण रूप से प्रभाव जमाना।
वाक्य : छोटी उम्र में ही शिवाजी महाराज ने 12 मावलों के साथ मुगलो के आधे किले पर झंडे गाड़ दिए थे।
डंका पीटना : प्रचार करना।
वाक्य : अपनी छोटी सी सफलता का भी डंका पीटने में सीया पीछे नहीं हटती।
तितर-बितर होना : बिखर जाना।
वाक्य : माँ की मृत्यु के बाद परिवार तितर-बितर हो गया।
हजारों दीप जल उठना : आनंदित हो उठना।
वाक्य : विदेश जाने के लिए वीजा मिल गया तो रमेश के मन में हजारों दीप जल उठे।
रुपये दाँत से पकड़ना : कंजूसी करना।
वाक्य : इस महँगाई के दौर में हर कोई रुपये दाँत से पकडकर जी रहा है।
दूध का दूध, पानी का पानी करना : इंसाफ करना, न्याय करना।
वाक्य : रंगे हाथ पकड़े जाने पर सच्चाई सबके सामने आ गई और दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
नाम कमाना : यश प्राप्त करना।
वाक्य : कड़ी मेहनत करके राज ने नाम कमाया इसलिए सब उसकी इज्जत करते हैं।
पाँचों उँगलियाँ घी में होना : हर तरफ से लाभ होना।
वाक्य : अब बेटा भी बराबरी से काम करने लगा तो लाला जी की पाँचो उँगलियाँ घी में है।
फला न समाना : अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य : मनोकामना पूरी होने पर सीया फूली न समाई।
वीडा उठाना : किसी काम को करने की ठान लेना।
वाक्य : देश के नागरिकों को पर्यावरण सुरक्षा का बीड़ा उठाना होगा।
वाँछे खिलना : अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य : चुनाव जीतने के बाद नेता की बाँछे खिल उठीं।
मरजीवा होना : कठोर साधना से लक्ष्य तक पहुँचने वाला होना।
वाक्य : अलवर में सात नदियों को जीवित कर श्री राजेंद्र सिंह जी मरजीवा हो गए।
मल्हार गाना : आनंद मनाना।
वाक्य : समय पर बारिश होने से किसान मल्हार गाने लगे।
राई का पहाड़ बनाना : बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
ताक्य : रमेश ने बात को इस ढंग से बताया कि राई का पहाड बन गया।
लोहा मानना : श्रेष्ठता स्वीकार करना।
वाक्य : औरंगजेब भी शिवाजी के युद्ध कौशल का लोहा मानता था।
सफेद झूठ बोलना : पूरी तरह से झूठ बोलना।
वाक्य : दुष्ट प्रवृत्ति के लोग सफेद झूठ बोलने से बाज नहीं आते।
सिर खपाना : ऐसे काम में समय लगाना जिसमें कोई लाभ नहीं।
वाक्य : सुबह से शाम तक सिर खपाते रहे लेकिन पिताजी ने दी पहेली हल नहीं कर पाए।
सिर पर सेहरा बाँधना : अधिक यश प्राप्त करना।
वाक्य : काव्य गायन प्रतियोगिता में रमेश केवल सफल ही नहीं हुआ बल्कि उसके सिर पर सेहरा बँधा।
सोना उगलना : बहुत अधिक लाभ होना।
वाक्य : मेरे देश की मिट्टी ऐसी उपजाऊ है कि सोना उगलती है।
सौ वात की एक वात : असली बात, निचोड़।
वाक्य : सौ बात की एक बात कहूँ, मुझे बेटा-बेटी में भेदभाव बिलकुल पसंद नहीं।
हाथ-पैर मारना : बहुत प्रयत्न करना।
वाक्य : इधर-उधर हाथ-पैर मारने के बाद मेरा लोन सेंक्शन हुआ।
हौसले बुलंद होना : उत्साह बने रहना।
वाक्य : शरीर कमजोर हो गया है लेकिन अभी भी राय साहब के हौसले बुलंद हैं।
श्रीगणेश करना : कार्य आरंभ करना।
वाक्य : दो पैसे जमा होते ही रमेश ने अपने व्यवसाय का श्रीगणेश किया।
दाँतों तले उँगली दबाना : आश्चर्यचकित होना।
वाक्य : रणभूमि में अभिमन्यु की वीरता देखकर कौरवों ने दाँतों तले उँगली दबाई।
अंधे की लाठी होना : निराधार का सहारा बनाना।
वाक्य : मदर टेरेसा भारत आकर अंधे की लाठी बनकर अपना कार्य करने लगी।
आग से खेलना : मुसीबत मोल लेना।
वाक्य : आज़ादी की लड़ाई लड़ते समय आग से खेलकर कई देशवासियों ने अपना घर-परिवार दाँव पर लगा दिया था।
मुट्ठी गर्म करना : रिश्वत देना।
वाक्य : भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहराई तक पहुँच गई हैं कि जब तक मुट्ठी गर्म न करो कोई काम ही नहीं करता।
इतिश्री होना : समाप्त होना।
वाक्य : 15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ और अंग्रेज शासन की इतिश्री हुई।
उड़ती चिड़िया पहचानना : तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना।
वाक्य : बीरबल उडती चिडिया पहचान लेते थे और हर समस्या को सुलझाने में अकबर की सहायता करते है।
हथेली पर सरसों जमाना : कठिन कार्य करना।
वाक्य : दुश्मनों की छावनी में जाकर उनके भेद जानना मतलब हथेली पर सरसों जमाना है।
कंचन बरसना : धन-दौलत से परिपूर्ण होना।
वाक्य : कभी हमारे देश में कंचन बरसता था परंतु विदेशी आक्रमण ने इसे खोखला कर दिया।
कानों कान खबर न होना : बिल्कुल पता न चलना।
वाक्य : सेठ जी ने बेटी का विवाह कर दिया लेकिन किसी को कानों कान खबर न हुई।
गाल बजाना : अपनी प्रशंसा आप करना।
वाक्य : मोहन अपनी सफलता पर खूब गाल बजाता था परंतु परिणाम सामने आने पर शर्मिंदा हुआ।
घड़ों पानी पड़ना : बहुत लज्जित होना।
वाक्य : बेटे की करतूतों का भेद खुलते ही पिता पर घडों पानी पड़ गया।
चिकनी-चुपड़ी बातें करना : चापलूसी करना, मीठी-मीठी बातें बोलना।
वाक्य : अब चिकनी-चुपड़ी बातें करने से कोई लाभ नहीं, सच्चाई सब जान गए हैं।
छाती पर साँप लोटना : ईर्ष्या होना।
वाक्य : गीता के कक्षा में प्रथम आने की खबर सुनते ही मीता की छाती पर साँप लोटने लगा।
तूती बोलना : प्रभाव होना।
वाक्य : मंत्री महोदय के खास आदमी होने की वजह से उसकी तूती बोलती है।
दो टुक जवाब देना : स्पष्ट बोलना।
वाक्य : मैंने आपसे दो टुक बात कर ली है, आगे आपकी मर्जी।
नुक्ताचीनी करना : आलोचना करना।
वाक्य : हर बात में नुक्ताचीनी करने की आदत के चलते रमेश के दोस्त कम और दुश्मन ही अधिक है।