मुद्रण सही ढंग से न हो तो अशुद्धियाँ रह जाती हैं। इससे मुद्रित सामग्री की रोचकता तथा सहजता कम हो जाती है। कभी–कभी किसी शब्द के अशुद्ध रहने से अर्थ बदल जाता है या किसी शब्द के रह जाने से अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इस दृष्टि से मुद्रण प्रक्रिया में मुद्रित शोधन का अत्यधिक महत्त्व है।
जिस प्रकार मन की सुंदरता न हो तो तन की सुंदरता अर्थहीन हो जाती है। उसी प्रकार पुस्तक बाहर से भले ही कितनी ही आकर्षक हो; भाषा की अशुद्धता के कारण वह प्रभावहीन हो जाती है।
मुद्रित शोधन के लिए आवश्यक योग्यताएँ :
मुद्रित शोधन का कार्य अत्यंत दायित्वपूर्ण ढंग से निभाया जाने वाला कार्य है। अत: इस कार्य के लिए मुद्रित शोधक में कतिपय योग्यताओं का होना आवश्यक है। जैसे –
- मुद्रित शोधक को संबंधित भाषा एवं व्याकरण की समग्र और भली–भाँति जानकारी होनी चाहिए।
- उसे प्रिंटिंग मशीन पर होने वाले कार्य का परिचय होना चाहिए।
- उसे टाइप के प्रकारों, संकेत चिह्नों और अक्षर विन्यास की पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
- मुद्रित शोधक को पांडुलिपि में स्वयं कोई परिवर्तन नहीं करना चाहिए। यदि कहीं उसे अशुद्धियाँ लगें या वाक्य सही/शुद्ध न लगे तो इसकी ओर लेखक का ध्यान आकृष्ट करना चाहिए।
मुद्रित शोधन चिह्नदर्शक तालिका : –