मुहावरा वह वाक्यांश जो सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है; मुहावरे में उसके लाक्षणिक और व्यंजनात्मक अर्थ को ही स्वीकार किया जाता है। वाक्य में प्रयुक्त किए जाने पर ही मुहावरा सार्थक प्रतीत होता है।
- अंकुर जमाना – प्रारंभ करना।
- अपने पैरों पर खड़ा होना – आत्मनिर्भर होना।
- आँच न आने देना – संकट न आने देना।
- आँखों में सैलाब उमड़ना – फूट–फूटकर रोना।
- आँखें फटी रहना – आश्चर्यचकित रह जाना।
- आईने में मुँह देखना – अपनी योग्यता जाँचना।
- आसमान के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करना।
- ईंट का जवाब पत्थर से देना – कड़ा जवाब देना
- उधेड़ बुन में लगना – सोच–विचार करना।
- एक आँख से देखना – समान रूप से देखना।
- एक और एक ग्यारह होना – एकता में बल होना।
- कदम बढ़ाना – प्रगति करना।
- कमर कसना – प्रगति करना।
- कमर सीधी करना – आराम करना, सुस्ताना।
- कलई खुलना – भेद प्रकट होना।
- कान देना – ध्यान से सुनना।
- किस्मत खुलना – भाग्य चमकना।
- गले का हार होना – अत्यंत प्रिय होना।
- गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कहना।
- घी के दीये जलाना – खुशी मनाना।
- चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना।
- चुटकी लेना – व्यंग्य करना।
- जबान देना – वचन देना।
- झंडे गाड़ना – पूर्ण रूप से प्रभाव जमाना।
- डंका पीटना – प्रचार करना।
- तितर–बितर होना – बिखर जाना।
- हजारों दीप जल उठना – आनंदित हो उठना।
- रुपये दाँत से पकड़ना – कंजूसी करना।
- दूध का दूध, पानी का पानी करना – इनसाफ करना, न्याय करना।
- नाम कमाना – यश प्राप्त करना।
- पाँचों उंगलियाँ घी में होना – हर तरफ से लाभ होना।
- फूला न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
- बीड़ा उठाना – किसी काम को करने की ठान लेना।
- बाँछे खिलना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
- मरजीवा होना – कठोर साधना से लक्ष्य तक पहुँचने वाला होना।
- मल्हार गाना – आनंद मनाना।
- राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा–चढ़ाकर कहना।
- लोहा मानना – श्रेष्ठता स्वीकार करना।
- सफेद झूठ बोलना – पूरी तरह से झूठ बोलना।
- सिर खपाना – ऐसे काम में समय लगाना जिसमें कोई लाभ नहीं।
- सिर पर सेहरा बाँधना – अधिक यश प्राप्त करना।
- सोना उगलना – बहुत अधिक लाभ होना।
- सौ बात की एक बात – असली बात, निचोड़।
- हाथ–पैर मारना – बहुत प्रयत्न करना।
- हौसला बुलंद होना – उत्साह बना रहना।
- श्रीगणेश करना – कार्य आरंभ करना।
- दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्यचकित होना।
- अंधे की लाठी होना – निराधार का सहारा बनना।
- आग से खेलना – मुसीबत मोल लेना।
- मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।
- इतिश्री होना – समाप्त होना।
- उड़ती चिड़िया पहचानना – तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना।
- हथेली पर सरसों जमाना – कठिन कार्य करना।
- कंचन बरसना – धन–दौलत से परिपूर्ण होना।
- कानों कान खबर न होना – बिल्कुल पता न चलना।
- गाल बजाना – अपनी प्रशंसा आप करना।
- घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।
- चिकनी–चुपड़ी बातें करना – चापलूसी करना, मीठी-मीठी बातें बोलना।
- छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या होना।
- तूती बोलना – प्रभाव होना।
- दो टूक जवाब देना – स्पष्ट बोलना।
- नुक्ताचीनी करना – आलोचना करना।