मुहावरा वह वाक्यांश जो सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है; मुहावरे में उसके लाक्षणिक और व्यंजनात्मक अर्थ को ही स्वीकार किया जाता है। वाक्य में प्रयुक्त किए जाने पर ही मुहावरा सार्थक प्रतीत होता है।
- अपना उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ सिद्ध करना।
- दिन दूना रात चौगुना बढ़ना – दिन–प्रतिदिन अधिक उन्नति करना।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि काम न करना।
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
- आँखें बिछाना – अति उत्साह से स्वागत करना।
- कान में कौड़ी डालना – गुलाम बनाना।
- कंगाली में आटा गीला होना – विपत्ति में और अधिक विपत्ति आना।
- कुएँ में बाँस डालना – जगह–जगह खोज करना।
- गुड़ गोबर करना – बने काम को बिगाड़ देना।
- गड़े मुर्दे उखाड़ना – पुरानी कटु बातों को याद करना।
- कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी बनाना।
- एक और एक ग्यारह – एकता में शक्ति होना
- घर फूंक तमाशा देखना – अपनी ही हानि करके प्रसन्न होना।
- घाट-घाट का पानी पिया होना – हर प्रकार के अनुभव से परिपूर्ण होना।
- चाँदी काटना – बहुत लाभ कमाना।
- जहर का चूंट पीना – अपमान को चुपचाप सह लेना।
- जी-जान से काम करना – पूरी क्षमता के साथ काम करना।
- तिल का ताड़ बनाना – छोटी बात को बढ़ा–चढ़ाकर कहना।
- पत्थर की लकीर होना – पक्की बात।
- पेट में दाढ़ी होना – छोटी आयु में बुद्धिमान होना।
- फूंक-फूंककर पाँव रखना – अति सावधानी बरतना।
- मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।
- रंग में भंग होना – प्रसन्नता के वातावरण में विघ्न पड़ना।
- शक्ल पर बारह बजना – बड़ा उदास रहना।
- सितारा चमकना – भाग्योदय होना
- आठ-आठ आँसू रोना – बहुत अधिक रोना।
- आँखें चार होना – प्रेम होना।
- अगर-मगर करना – टाल–मटोल करना।
- अपना ही राग अलापना – अपनी ही बातें करते रहना।
- आसमान पर थूकना – अशोभनीय कार्य करना।
- उल्टी गंगा बहाना – उल्टा काम करना।
- उगल देना – भेद बता देना।
- ओखली में सिर देना – जान–बूझकर जोखिम उठाना।
- एक लाठी से हाँकना – सबके साथ समान व्यवहार करना।
- चार चाँद लगाना – शोभा बढ़ाना।
- पापड़ बेलना – कड़ी मेहनत करना।
- कान भरना – चुगली करना।
- कोल्हू का बैल – लगातार काम में लगे रहने वाला। बहुत परिश्रम करने वाला।
- कब्र में पैर लटकना – मरने के समीप होना।
- कागजी घोड़े दौड़ाना – लिखा–पढ़ी करना।
- कौड़ी-कौड़ी का मोहताज – अत्यंत निर्धन होना।
- खाला का घर – आसान काम।
- खाल मोटी होना – बेशर्म होना।
- गिरगिट की तरह रंग बदलना – अवसरवादी होना।
- घोड़े बेचकर सोना – गहरी नींद सोना।
- हाथ खींचना – निश्चिंत होकर सोना।
- चोली-दामन का साथ होना – साथ न देना।
- चोर की दाढ़ी में तिनका – घनिष्ठ संबंध होना।
- जली-कटी सुनाना – अपराधी का भयभीत और सशंकित रहना।
- डकार तक न लेना – कटु–चुभती बातें करना।
- डूबती नाव पार लगाना – सब कुछ हजम कर लेना।
- तलवे चाटना – कष्टों से छुटकारा देना।
- दाल न गलना – खुशामद करना।
- पेट काटना – काम न बनना।
- पाँचों उँगलियाँ घी में होना – चतुराई काम न आना।
- पोंगा होना – भूखा रहना।
- बात का धनी – चहुँ तरफ लाभ होना।
- मरने की फुरसत न होना – नासमझ होना।
- मूंछ उखाड़ना – वचन का पक्का कामों में बहुत व्यस्त होना।
- रोटियाँ तोड़ना – घमंड चूर-चूर कर देना।
- वीरगति को प्राप्त होना-मुफ्त में खाना।
- स्वांग भरना – युद्ध में वीरतापूर्वक मृत्यु पाना।
- हवा लगना – विचित्र वेश बनाना, किसी की नकल उतारना।
- हवाई किले बनाना – असर पड़ना/होना।
- दाई से पेट छिपाना – बहुत अधिक कल्पना करना।
- सिर खपाना – भेद जानने वाले से सच्ची बात छिपाना।
- खबर गरम होना – कठोर परिश्रम करना। चर्चा-ही-चर्चा होना।
- चिराग तले अँधेरा – गुणवान व्यक्ति में भी दोष होना।